
1: आर्किटेक्ट इंजीनियर
वो सोचता है कि आपका घर, ऑफिस या मॉल कैसा दिखेगा। स्पेस का सही इस्तेमाल कैसे होगा, रोशनी और हवा कहां से आएगी, और बाहर से देखने पर बिल्डिंग कितनी खूबसूरत लगेगी –
1. ये सब आर्किटेक्ट तय करता है। वे होते है जो किसी भो प्रोजेक्ट का design बना कर देते है जैसे भवन, ब्रिज, रोड, नहर, डैम सर्वे के हिसाब से अपना डिजाइन बनाता है I जिसमे IS कोड के हिसाब से प्लाननिग करते है किसी भी प्रोजेक्ट का डिजाइन फ्यूचर के हिसाब से बनाना होता है I
2. आर्किटेक्ट का काम पूरा सिस्टम पे होता है जैसे -बिल्डिंग बनाना है तो उसमे लोकैशन कहा है कितना एरिया का है I कितने बाइ कितने का कन्स्ट्रक्शन करना है कितने रूम बनाना है हाल कितना होगा coloum, बीम, स्लैब, उसमे स्टील कितने यम यम का लगाना है ई I
ये सब आर्किटेक्ट का काम होता है लोड कैल्क्यलैशन करना एक सॉफ्टवेयर के मदद से करते है I आर्किटेक्ट वर्सेस सिविल इंजीनियर दोनों अपने अपने कार्य मे बहतेर होते है I आर्किटेक्ट अपने डिजाइन मे लुक बाहर से कैसे दिखाता है I
और अनदर से कैसे दिखेगा I कंस्ट्रक्शन की दुनिया में आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियर दोनों का रोल बेहद अहम होता है। दोनों का लक्ष्य एक ही है –एक बेहतरीन और सुरक्षित बिल्डिंग बनाना –
3. लेकिन काम करने का तरीका और जिम्मेदारियां अलग होती हैं।आर्किटेक्ट रंग, लाइटिंग, और फर्नीचर की प्लेसमेंट तक का ध्यान रखता है। अगर आप कहते हो मुझे ऐसा घर चाहिए जिसमें बड़ा हॉल हो, बालकनी गार्डन के सामने हो और लाइटिंग शानदार हो”, तो ये सपना डिजाइन में बदलना आर्किटेक्ट का काम है।
सच कहूँ तो, आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियर बिना एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। इन दोनों के बगेर एक अच्छा घर या फिर रोड, ब्रिज, डेम,नहर, का निर्माण करना बहोत मुस्किल काम है इसलिए दोनों के काम्बनैशन से निर्माण होता है दोनों ही प्रोफेशन कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के जरूरी हिस्से हैं।
और सिविल इंजीनियर वो देखता है कि बिल्डिंग कितनी मजबूत होगी, कितने साल टिकेगी, और मौसम या भूकंप में भी सुरक्षित रहेगी।मटेरियल का चुनाव, स्ट्रक्चर का लोड कैलकुलेशन, और साइट पर काम की निगरानी – ये सब सिविल इंजीनियर संभालता है।
1. 2D और 3D ड्रॉइंग बनाने के लिए AutoCAD, Revit, SketchUp जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता है। 2. 2. उसका फोकस यह होता है कि बिल्डिंग देखने में आकर्षक लगे और स्पेस का पूरा इस्तेमाल हो। प्लानिंग और ड्रॉइंग बनाना होता है
सिविल इंजीनियर

सिविल इंजीनियर आर्किटेक्ट जो डिजाइन देता है उसको असलियत मे बदलता है।
यानि की सिविल इंजीनियर उस डिजाइन को हूबहू असलियत मे बना देता है सिविल इंजीनियर का काम साइट पे जो डिजाइन है उस हिसाब से काम करता है जैसे -कान्क्रीट का स्ट्रेनथ, लोड कैल्क्यलैशन, कितने साल चलेगा ये सब काम सिविल इंजीनियर का होता है I
सिविल इंजीनियर स्किल्स
सिविल इंजीनियर किसी भी प्रोजेक्ट जैसे – भवन, रोड, ब्रिज, नहर, डैम, का quality और स्ट्रेनथ का ज्ञान होता है ।
IS कोड का ज्ञान और साइट मेनेजमेंट ये सब सिविल इंजीनियर का काम है 1. stracture अनलिसिस (STAAD Pro, ETABS) इसमे काम करते है
आर्किटेक्ट वर्सेस सिविल इंजीनियर की तुलना
पहलू | आर्किटेक्ट | सिविल इंजीनियर |
---|---|---|
मुख्य रोल | डिज़ाइन और सुंदरता अंदर बाहर कैसा दिखेगा | स्ट्रक्चर और मजबूती और कितने साल तक टिकेगा |
फोकस | स्पेस प्लानिंग, क्रिएटिविटी | लोड कितना झेल सकता , मटेरियल की क्वालिटी कैसा है , क्या-क्या सेफ्टी यूस कर सकते है I |
सॉफ्टवेयर | AutoCAD, Revit, SketchUp का यूस करते है ताकि बेहतर डिजाइन बना सके I | STAAD Pro, ETABS, AutoCAD Civil 3D का यूस करते है ताकि क्वालिटी और शेफटी से बने |
काम का चरण | प्लानिंग और प्रेजेंटेशन तैयार करना होता है | कंस्ट्रक्शन और इम्प्लीमेंटेशन साइट पे काम करके कन्स्ट्रक्शन तैयार करना |
क्लाइंट से रिलेशन | डिज़ाइन पर चर्चा और क्या बेहतर कर सकते है | तकनीकी समाधान क्या-क्या आ सकती है और उस समस्या को कैसे दूर कर सकते है I |
निष्कर्ष
दोनों ही प्रोफेशन कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के जरूरी हिस्से हैं। अगर आप करियर चुन रहे हैं तो सोचिए – आपको क्रिएटिव डिजाइन बनाना अच्छा लगता है या तकनीकी समस्या हल करना? जवाब ही तय करेगा कि आप आर्किटेक्ट बनेंगे या सिविल इंजीनियर।